hindi Best Short Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Short Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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गौतम बुद्ध की प्रेरक कहानियां - भाग 3 By Amit Kumar

धनी और निर्धन का अंतरराजा शुद्धोधन राजकुमार के लिए वैभव-विलास के जितने साधन कुट रहे थे, उतने ही वे उससे विमुख होते जा रहे थे। एक दिन सिद्धार्थ का बालसखा बसंतक सिद्धार्थ में बोला, "...

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मैं शादी क्यों नहीं करना चाहता? एक सच्चा, लेकिन अनकहा कारण! By Makvana Bhavek

**मैं शादी क्यों नहीं करना चाहताएक सच्चा, लेकिन अनकहा कारण**"मेरे पेरेंट्स चाहते हैं कि मैं शादी कर लूं।लेकिन मैं यह नहीं कर सकता।"ये एक बहुत संवेदनशील स्थिति है, और आपकी भावनाएं प...

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You Are My Choice - 55 By Butterfly

  Helloo guyzes... Let's continue   -------------- Happy Reading   ---------------       "और कौन है वह, तुम्हारा क्रश?" आकाश ने फिर पूछा। काव्या ने कोई उत्तर दिए बिना बोतल घुमा दी...

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Unkahe रिश्ते - 6 By Vivek Patel

क्या सोचते हो आप, लोग अच्छे होते है या बुरे? आप बोलेंगे के उनका अच्छा होना या बुरा होना matter तब करता है जब , हम किस नज़रिये से उन्हें देख रहे है समझ रहे  है उसपे है । जैसे कि समुं...

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पुर्णिमा - भाग 5 By Soni shakya

विचारों के भंवर में डूबी शशि कमरे में बैठी थीं। ये  अमावस्या का कैसा साया है जो शशि के जीवन में अंधकार फैल रहा था।कभी सोचा ना था उसने की जिंदगी में ऐसा भी मोड आएगा जहां वह अपराधी न...

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Chai ki Pyali - 1 By Mansi

Part: 1अर्णव शर्मा, एक आम सा सीधा सादा लड़का, एक ऑफिस मे काम करता ग्राफ़िक डिज़ाइनर था। शांत था, ज्यादा बोलने वाला नही था। अकेले रहना पसंद था।बोलने से ज्यादा वो लिखता रहता था, उसके हा...

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10 प्रेरक कहानियाँ: संघर्ष से सफलता तक By missnayak

1.रेत में उगे फूलराजस्थान के एक दूर-दराज़ गाँव में एक छोटी-सी लड़की रहती थी — गुलाबी। नाम के जैसे ही उसका स्वभाव भी कोमल था, लेकिन उसका सपना था — रेगिस्तान की तपती रेत में स्कूल बन...

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ग़लती का एहसास By Rakesh Kaul

ग़लती का एहसास   बस के झटके के साथ रुकने से एकाएक मेरे विचारों का सिलसिला टूट गया | आख़िरी स्टॉप होने की वजह से सारी सवारियाँ उतर रही थीं | मुझे तो एक स्टॉप पहले ही उतरना था लेकिन अप...

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हालात का सहारा By Dayanand Jadhav

भूमिका कहते हैं कि इंसान अपनी किस्मत खुद बनाता है, लेकिन अगर हालात साथ न दें तो? तब आदमी या तो हालात का सहारा लेकर ऊँचाइयाँ छूता है, या फिर उन्हीं हालात के बहाने बनाकर अपने फिसलने...

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टेढ़ा पाहुना By Deepak sharma

“आंंटी,”पड़ोस की गुड्डी ने पुकारा। मैं आटा सानती रही। “आंटी, देखो कोई आया है।” मैं ने आटे की थाली परे धकेल दी और अपने बिखरे बाल समेटती हुई बाहर की ओर लपक ली...

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जल्दी मरने के लिए क्या करें ? ChatGPT के साथ एक अनोखी बातचीत! By Makvana Bhavek

जल्दी मरने के लिए क्या करें ? ChatGPT के साथ एक अनोखी बातचीत!   *प्रथम प्रश्न* मैं :- जल्दी मरने के लिए क्या करें???   ChatGPT :- मुझे खेद है कि आप इस समय इतना दुख और दर्द महसूस कर...

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राधे ..... प्रेम की अंगुठी दास्तां - 2 By Soni shakya

इंतजार तो लाली कर रही थी पर राधा उससे भी ज्यादा बैचैन लग थी।कमरे में आते ही बोली _क्या कह रही थी लाली तुम,मुझे प्यार हो गया है देव से नहीं लाली ऐसी बात नहीं है वो तो देव नहीं आता त...

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खुशियों के पँख By Sudhir Srivastava

लघु कहानीखुशियों के पँख ***********        कालबेल की आवाज सुनकर रिचा ने दरवाजा खोला तो सामने सीमा को देखकर चौंक बड़ी -अरे...आप... !   हां भाभी! मुझे माफ़ कर दीजिए। मेरी भूल माफी यो...

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सिटकिनी By Deepak sharma

“देखिए,” पति से रमा अपना शारीरिक कष्ट हमेशा बढ़ा -चढ़ा कर बताती, “आज मुझे हाथ में भयंकर चोट लग गयी। पूजाघर की सिटकिनी  पुरानी थी। खोलते समय टूट कर मेरे हाथ म...

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अकड़- भौं By Deepak sharma

“पानी मैं निकालती हूं, ” आंगन में लगे हैंड- पंप  की हत्थी मैं ने मां के हाथ से ले ली। मां रसोई की बाल्टी धो रही थीं। शहर से पंद्रह किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस औद्...

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परिमल - 2 By Madhavi Marathe

                                                                                      जामुनी रास्ता           जब हम गोवा में रहते थे तब हरियाली में, समंदर के साथ घुमने का शौक सब के...

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HIDDEN BILLIONAIRE - 1 By Dhiru Shukla

Chapter 1......ईशान अग्रवाल एक ऐसा व्यक्ति जो अमीर नहीं था, बल्कि अमीरी की परिभाषा था।उसकी व्यावसायिक साम्राज्य तकनीक, रियल एस्टेट, वित्त और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में फैला हुआ था। व...

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बेधड़क दरोगा जी By Devendra Kumar

 बेधड़क दरोगा जी -देवेन्द्र कुमार ठाकुर शिव सिंह राणा न तो अब मुद्दत से दरोगा जी थे, न ही वह कभी ठाकुर थे| पर अपने समय के बड़े नामी-गरामी हस्ती थे,पुलिस विभाग और इलाके में आदर से नाम...

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चलते-चलते By महेश रौतेला

चलते-चलते:मैं बीस साल से एक डाक्टर साहब को दिखा रहा हूँ। मुझे लगता है उनकी आयु स्थिर हो चुकी है। बीस साल पहले मैंने उनको जैसा देखा था आज भी वे वैसे ही दिखते हैं,बुजुर्ग। बहुत कम बो...

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पेड़ पे बैठी थी पिशाचिनी By kalyan

"पेड़ पे बैठी थी पिशाचिनी" – एक डरावनी और भावनात्मक कहानी, जो सन् 1995 की एक सच्ची घटना से प्रेरित है:साल 1995, जगह – उड़ीसा का एक छोटा सा गांव।14 साल का सुमित अपने माता-पिता के सा...

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सपने का रहस्य? By Miss Chhoti

कई महीनों के बाद, मेरी मुलाकात जय से हुई। जब मैंने उसे देखा तो बस देखती ही रह गई। क्योंकि जय को देखे हुए बहुत समय हो गया था। उसे देखकर मेरा हृदय खुशी से भर गया। उसका अचानक आना और व...

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मृत्युघाट By kumar shivam hindustani

स्थान हरिश्चंद्र घाट हर तरफ लाशें ही लाशें जल रही हैं ,कुछ अधजली है तो कुछ जल के ख़ाक हो चुकी है ,रात्रि का समय है इसलिए काफी शांति है।इसी बीच एक 25 साल का लड़का कोई बड़ी सी चीज कपड़े...

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निक्की By Deepak sharma

यकीन मानो मेरी जिंदगी से तुम कभी गयी ही नहीं….. तुम्हारे निकनेम ‘ निकितिश्ना ‘ से मैं ने ‘निक्की’ शब्द खींच निकाला है, ( जिस का तुम्हारी पंजाबी में &...

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एक फैसला... दो ज़िंदगियाँ खत्म By ABHISHEK

अपराजिता, अपने पिता की आँखों का तारा थी। उसके जन्म से ही उसके पिता ने ठान लिया था कि चाहे कुछ भी हो जाए, वो अपनी बेटी को दुनिया की हर खुशी देंगे। उन्होंने खुद के सपनों को दफन कर दि...

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मौत के बाद घर वालो का हाल By ABHISHEK

शहर के एक अस्पताल में मंजू ज़िंदगी और मौत के बीच जूझ रही थीं। उनका छोटा बेटा उन्हें अस्पताल लेकर गया था, जहाँ डॉक्टरों ने साफ़ कह दिया कि उनकी हालत बेहद गंभीर है। लिवर सिरोसिस के क...

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हकीक़त का एहसास By Rakesh Kaul

हकीक़त का एहसास मैं एक ऐसे शख्स की रूह हूँ जिसका हाल में ही इंतक़ाल हुआ है | शायद आपको मेरी बातों पर यक़ीन करना मुश्किल होगा, लेकिन आज यह एक हकीक़त है | कल शाम तक मैं आपकी ही तरह एक ज़ि...

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चाय के किस्से By Rohan Beniwal

रेलवे स्टेशन की बेंच पर बैठा था वो अधेड़ उम्र का आदमी। हाथ में काँपती उंगलियों से थामा हुआ कुल्हड़, और नज़रें प्लेटफॉर्म के उस सिरे पर जहाँ से ट्रेन आने वाली थी।बगल में बैठी लड़की—...

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सपना जो सच हो गया By Sudhir Srivastava

लघु कहानी ***********सपना जो सच हो गया *******************     कुछ वर्षों पूर्व रमेश को एक साहित्यिक आयोजन में कवियों/कवयित्रियों को आमंत्रित करने की जिम्मेदारी दी गई। चूंकि यह आयो...

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रहस्मय जंगल By Sumit Sharma

उत्तराखंड की पहाड़ियों के बीच बसा एक छोटा-सा गाँव था—घनश्यामपुर। प्रकृति की गोद में बसा यह गाँव बाहर से तो शांत और सुंदर लगता था, लेकिन इसकी सीमाओं के पास एक ऐसा जंगल था, जिसकी हवा...

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चिंगारी: जो बुझी नहीं - 1 By Sumit Sharma

प्रस्तावना:हर किसी के भीतर कुछ जलता है...कभी सपना, कभी पीड़ा, कभी अधूरा प्यार,और कभी एक ऐसी उम्मीद —जो ज़िन्दगी की राख से भी खुद को फिर जला लेती है।उत्तराखंड के एक छोटे से पहाड़ी ग...

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आतिशी शीशा By Deepak sharma

उस वर्ष हमारा दीपावली विशेषांक कहानियों पर केंद्रित था। “दीपावली विशेषांक की कहानियों के साथ जाने वाले रेखांकन तैयार हो गए हैं,” हमारी ‘महिलाओं के लिए’ नाम...

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ख़मीर By Deepak sharma

पुस्तकालय में उस समय अच्छी- खासी भीड़ थी। इश्यू काउंटर पर अतिव्यस्त होने के कारण सुधा मुझे पुस्तकालय में प्रवेश करते हुए नहीं देख पायी। चपरासी द्वारा मैं ने ही उसे संदेश भिजवाया कि...

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मां के बाद By Deepak sharma

दरवाज़े पर ताला देख कर याद आया, मां अब नहीं हैं और घर की चाबियां मेरे स्कूल बैग में थीं। अपने उस सातवें साल तक पहुंचते- पहुंचते मैं काफ़ी कुछ सीख-समझ चुका था। खाना बनाने के सिवा। प...

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आखिरी खत By Pathak Ashish vilom

पटना जंक्शन... एक ऐसा नाम जहाँ रोज़ हजारों चेहरे आते-जाते हैं। किसी की आंखों में मंज़िल होती है, किसी की आंखों में जुदाई का ग़म। भीड़ होती है, शोर होता है, धुएँ और धूल की चादर हर च...

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अधूरी उड़ान By Manoj Kumar

**अधूरी उड़ान**   *   राजू एक छोटे से गाँव का लड़का था, जहाँ ना तो ढंग का स्कूल था और ना ही बिजली-पानी की पूरी सुविधा। उसका घर मिट्टी और खपरैल से बना हुआ था, जिसमें बारिश के दिनों...

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अपनी पहचान By Richa bhardwaj

रीमा एक आम गृहिणी थी। दिन सुबह 5 बजे शुरू होता और रात को सबके सो जाने के बाद ही खत्म होता। पति की जरूरतें, बच्चों की पढ़ाई, सास -ससुर की सेवा - हर किसी की जिंदगी का वह अहम हिस्सा थ...

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कौन ठगवा नगरिया लुटल बा By Dr Sandip Awasthi

आजकल ठगी करना आसान नहीं है। जब से तकनीक खुद ठग बन गई और किस्मत पैदल चल रही तब से ठगी करना आसान नहीं। वरना पहले बड़ा आसान था,यह सोने की ईंट ,चूड़ियां ले लो कौड़ियों के दाम। औरतें कम...

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सुबह-शाम By ekshayra

सुबह (थोड़ी ताज़गी भरी आवाज़ में):"नमस्ते शाम! मैं फिर से दुनिया को नई उम्मीदों के साथ जगाने आई हूँ।"शाम (हल्की मुस्कराहट के साथ):"नमस्ते सुबह! मैं तो बस दिनभर की थकान को अपनी बाहो...

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चक्र By Rakesh Kaul

चक्र गर्मी के दिन थे | एक दिन सुबह के वक़्त एक बुलबुल खाने की खोज में भटक रही थी | अब तो सूरज भी चढ़ आया था लेकिन अभी तक उसे कुछ भी खाने को नसीब नहीं हुआ था | भूख की वजह से अब उसका...

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गौतम बुद्ध की प्रेरक कहानियां - भाग 3 By Amit Kumar

धनी और निर्धन का अंतरराजा शुद्धोधन राजकुमार के लिए वैभव-विलास के जितने साधन कुट रहे थे, उतने ही वे उससे विमुख होते जा रहे थे। एक दिन सिद्धार्थ का बालसखा बसंतक सिद्धार्थ में बोला, "...

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मैं शादी क्यों नहीं करना चाहता? एक सच्चा, लेकिन अनकहा कारण! By Makvana Bhavek

**मैं शादी क्यों नहीं करना चाहताएक सच्चा, लेकिन अनकहा कारण**"मेरे पेरेंट्स चाहते हैं कि मैं शादी कर लूं।लेकिन मैं यह नहीं कर सकता।"ये एक बहुत संवेदनशील स्थिति है, और आपकी भावनाएं प...

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Unkahe रिश्ते - 6 By Vivek Patel

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पुर्णिमा - भाग 5 By Soni shakya

विचारों के भंवर में डूबी शशि कमरे में बैठी थीं। ये  अमावस्या का कैसा साया है जो शशि के जीवन में अंधकार फैल रहा था।कभी सोचा ना था उसने की जिंदगी में ऐसा भी मोड आएगा जहां वह अपराधी न...

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Chai ki Pyali - 1 By Mansi

Part: 1अर्णव शर्मा, एक आम सा सीधा सादा लड़का, एक ऑफिस मे काम करता ग्राफ़िक डिज़ाइनर था। शांत था, ज्यादा बोलने वाला नही था। अकेले रहना पसंद था।बोलने से ज्यादा वो लिखता रहता था, उसके हा...

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10 प्रेरक कहानियाँ: संघर्ष से सफलता तक By missnayak

1.रेत में उगे फूलराजस्थान के एक दूर-दराज़ गाँव में एक छोटी-सी लड़की रहती थी — गुलाबी। नाम के जैसे ही उसका स्वभाव भी कोमल था, लेकिन उसका सपना था — रेगिस्तान की तपती रेत में स्कूल बन...

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ग़लती का एहसास By Rakesh Kaul

ग़लती का एहसास   बस के झटके के साथ रुकने से एकाएक मेरे विचारों का सिलसिला टूट गया | आख़िरी स्टॉप होने की वजह से सारी सवारियाँ उतर रही थीं | मुझे तो एक स्टॉप पहले ही उतरना था लेकिन अप...

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हालात का सहारा By Dayanand Jadhav

भूमिका कहते हैं कि इंसान अपनी किस्मत खुद बनाता है, लेकिन अगर हालात साथ न दें तो? तब आदमी या तो हालात का सहारा लेकर ऊँचाइयाँ छूता है, या फिर उन्हीं हालात के बहाने बनाकर अपने फिसलने...

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टेढ़ा पाहुना By Deepak sharma

“आंंटी,”पड़ोस की गुड्डी ने पुकारा। मैं आटा सानती रही। “आंटी, देखो कोई आया है।” मैं ने आटे की थाली परे धकेल दी और अपने बिखरे बाल समेटती हुई बाहर की ओर लपक ली...

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जल्दी मरने के लिए क्या करें ? ChatGPT के साथ एक अनोखी बातचीत! By Makvana Bhavek

जल्दी मरने के लिए क्या करें ? ChatGPT के साथ एक अनोखी बातचीत!   *प्रथम प्रश्न* मैं :- जल्दी मरने के लिए क्या करें???   ChatGPT :- मुझे खेद है कि आप इस समय इतना दुख और दर्द महसूस कर...

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राधे ..... प्रेम की अंगुठी दास्तां - 2 By Soni shakya

इंतजार तो लाली कर रही थी पर राधा उससे भी ज्यादा बैचैन लग थी।कमरे में आते ही बोली _क्या कह रही थी लाली तुम,मुझे प्यार हो गया है देव से नहीं लाली ऐसी बात नहीं है वो तो देव नहीं आता त...

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खुशियों के पँख By Sudhir Srivastava

लघु कहानीखुशियों के पँख ***********        कालबेल की आवाज सुनकर रिचा ने दरवाजा खोला तो सामने सीमा को देखकर चौंक बड़ी -अरे...आप... !   हां भाभी! मुझे माफ़ कर दीजिए। मेरी भूल माफी यो...

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सिटकिनी By Deepak sharma

“देखिए,” पति से रमा अपना शारीरिक कष्ट हमेशा बढ़ा -चढ़ा कर बताती, “आज मुझे हाथ में भयंकर चोट लग गयी। पूजाघर की सिटकिनी  पुरानी थी। खोलते समय टूट कर मेरे हाथ म...

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 बेधड़क दरोगा जी -देवेन्द्र कुमार ठाकुर शिव सिंह राणा न तो अब मुद्दत से दरोगा जी थे, न ही वह कभी ठाकुर थे| पर अपने समय के बड़े नामी-गरामी हस्ती थे,पुलिस विभाग और इलाके में आदर से नाम...

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निक्की By Deepak sharma

यकीन मानो मेरी जिंदगी से तुम कभी गयी ही नहीं….. तुम्हारे निकनेम ‘ निकितिश्ना ‘ से मैं ने ‘निक्की’ शब्द खींच निकाला है, ( जिस का तुम्हारी पंजाबी में &...

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एक फैसला... दो ज़िंदगियाँ खत्म By ABHISHEK

अपराजिता, अपने पिता की आँखों का तारा थी। उसके जन्म से ही उसके पिता ने ठान लिया था कि चाहे कुछ भी हो जाए, वो अपनी बेटी को दुनिया की हर खुशी देंगे। उन्होंने खुद के सपनों को दफन कर दि...

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मौत के बाद घर वालो का हाल By ABHISHEK

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हकीक़त का एहसास By Rakesh Kaul

हकीक़त का एहसास मैं एक ऐसे शख्स की रूह हूँ जिसका हाल में ही इंतक़ाल हुआ है | शायद आपको मेरी बातों पर यक़ीन करना मुश्किल होगा, लेकिन आज यह एक हकीक़त है | कल शाम तक मैं आपकी ही तरह एक ज़ि...

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उत्तराखंड की पहाड़ियों के बीच बसा एक छोटा-सा गाँव था—घनश्यामपुर। प्रकृति की गोद में बसा यह गाँव बाहर से तो शांत और सुंदर लगता था, लेकिन इसकी सीमाओं के पास एक ऐसा जंगल था, जिसकी हवा...

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चिंगारी: जो बुझी नहीं - 1 By Sumit Sharma

प्रस्तावना:हर किसी के भीतर कुछ जलता है...कभी सपना, कभी पीड़ा, कभी अधूरा प्यार,और कभी एक ऐसी उम्मीद —जो ज़िन्दगी की राख से भी खुद को फिर जला लेती है।उत्तराखंड के एक छोटे से पहाड़ी ग...

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ख़मीर By Deepak sharma

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मां के बाद By Deepak sharma

दरवाज़े पर ताला देख कर याद आया, मां अब नहीं हैं और घर की चाबियां मेरे स्कूल बैग में थीं। अपने उस सातवें साल तक पहुंचते- पहुंचते मैं काफ़ी कुछ सीख-समझ चुका था। खाना बनाने के सिवा। प...

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आखिरी खत By Pathak Ashish vilom

पटना जंक्शन... एक ऐसा नाम जहाँ रोज़ हजारों चेहरे आते-जाते हैं। किसी की आंखों में मंज़िल होती है, किसी की आंखों में जुदाई का ग़म। भीड़ होती है, शोर होता है, धुएँ और धूल की चादर हर च...

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अपनी पहचान By Richa bhardwaj

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कौन ठगवा नगरिया लुटल बा By Dr Sandip Awasthi

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सुबह-शाम By ekshayra

सुबह (थोड़ी ताज़गी भरी आवाज़ में):"नमस्ते शाम! मैं फिर से दुनिया को नई उम्मीदों के साथ जगाने आई हूँ।"शाम (हल्की मुस्कराहट के साथ):"नमस्ते सुबह! मैं तो बस दिनभर की थकान को अपनी बाहो...

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चक्र By Rakesh Kaul

चक्र गर्मी के दिन थे | एक दिन सुबह के वक़्त एक बुलबुल खाने की खोज में भटक रही थी | अब तो सूरज भी चढ़ आया था लेकिन अभी तक उसे कुछ भी खाने को नसीब नहीं हुआ था | भूख की वजह से अब उसका...

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